भारतीय संसद भारत के संविधान का स्वरूप गणतंत्रीय तथा ढांचा संघीय है और उसमें संसदीय प्रणाली के प्रमुख तत्व विद्यमान हैं । इसमें संघ के लिये एक संसद का प्रावधान है जिसमें राष्ट्रपति और दो सदन अर्थात् राज्य सभा ( काउंसिल ऑफ स्टेट्स ) और लोक सभा ( हाउस ऑफ दी पीपल ) सम्मिलित हैं ; इसमें संघ की कार्यपालिका का भी प्रावधान है जो संसद के दोनों सदनों के सदस्यों में से सदस्य लेकर बनती है और वह सामूहिक रूप से लोक सभा के प्रति उत्तरदायी होती है , इस प्रकार संघ की कार्यपालिका और संसद के बीच घनिष्ठ संबंध सुनिश्चित हो जाता है ; इसमें यह भी प्रावधान है कि एक राज्याध्यक्ष होगा जिसे भारत का राष्ट्रपति कहा जाएगा और वह केन्द्रीय मंत्रिपरिषद की सहायता तथा सलाह से काम करेगा ; भारतीय संविधान में अनेक राज्यों का प्रावधान है जिनकी कार्यपालिकाओं और राज्य विधानमंडलों के बारे में वैसे ही मूल उपबन्ध हैं जैसे कि संघ के बारे में हैं ; संविधान में विधि सम्मत शासन की व्यवस्था है तथा इसमें एक स्वतंत्र न्यायपालिका की और एक स्थायी सिविल सेवा की व्यवस्था है । भारत की संसद प्रभुसत्ता सम्पन्न निकाय नहीं है , यह एक लिखि...