Skip to main content

GUIDELINES FOR USE OF RTI ONLINE PORTAL: https://rtionline.gov.in/

 

1.    This Web Portal can be used by Indian citizens to file RTI application online and also to make payment for RTI application online. First appeal can also be filed online.

2.    An applicant who desires to obtain any information under the RTI Act can make a request through this Web Portal to the Ministries/Departments of Government of India.

3.    On clicking at "Submit Request", the applicant has to fill the required details on the page that will appear. The fields marked * are mandatory while the others are optional.

4.    The text of the application may be written at the prescribed column.

5.    At present, the text of an application that can be uploaded at the prescribed column is confined to 3000 characters only.

Only alphabets A-Z a-z number 0-9 and special characters , . - _ ( ) / @ : & ? \ % are allowed in Text for RTI Request application.

6.    In case an application contains more than 3000 characters, it can be uploaded as an attachment, by using column "Supporting document".

Do not upload Aadhar Card or PAN Card or any other personal Identification (Except BPL Card).

PDF file name should not have any blank spaces.

7.    After filling the first page, the applicant has to click on "Make Payment" to make payment of the prescribed fee.

8.    The applicant can pay the prescribed fee through the following modes:

(a)  Internet banking;

(b)  Using credit/debit card of Master/Visa;

(c)   Using UPI

(d)  Using RuPay Card.

9.    Fee for making an application is as prescribed in the RTI Rules, 2012.

10.    After making payment, an application can be submitted.

11.  After making payment, if applicant didn’t receive the registration number then applicant is advised to wait for the 24-48 working hours as registration number will be generated after reconciliation. Please do not make additional attempt to make payment again. If it is not generated within 24-48 hours kindly send an e-mail at helprtionline-dopt[at]nic[dot]in with transaction details.

12.  No RTI fee is required to be paid by any citizen who is below poverty line as per RTI Rules, 2012. However, the applicant must attach a copy of the certificate issued by the appropriate government in this regard, along with the application.

13.  On submission of an application, a unique registration number would be issued, which may be referred by the applicant for any references in future.

14.  The application filed through this Web Portal would reach electronically to the "Nodal Officer" of concerned Ministry/Department, who would transmit the RTI application electronically to the concerned CPIO.

15.  In case additional fee is required representing the cost for providing information, the CPIO would intimate the applicant through this portal. This intimation can be seen by the applicant through Status Report or through his/her e-mail alert.

16.  For making an appeal to the first Appellate Authority, the applicant has to click at "Submit First Appeal" and fill up the page that will appear.

17.  The registration number of original application has to be used for reference.

18.  As per RTI Act, no fee has to be paid for first appeal.

19.  The applicant/the appellant should submit his/her mobile number to receive SMS alert.

20.  Status of the RTI application/first appeal filed online can be seen by the applicant/appellant by clicking at "View Status".

21.  All the requirements for filing an RTI application and first appeal as well as other provisions regarding time limit, exemptions etc., as provided in the RTI Act, 2005 will continue to apply.

 

 

 

यह पोर्टल आरटीआई आवेदनों/प्रथम अपीलों को ऑनलाइन आवेदन करने के लिए पैमेंट गेटवे युक्‍त पोर्टल है। भारतीय स्‍टेट बैंक की इंटरनेट बैंकिंग, मास्टर/वीसा डेबिट/क्रेडिट कार्ड, RuPay कार्ड और UPI. के माध्यम से भुगतान किया जा सकता है। इस पोर्टल के माध्‍यम से भारतीय नागरिकों द्वारा केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों और अन्य प्राधिकारी को आरटीआई आवेदन/प्रथम अपील की जा सकती है। इस पोर्टल के माध्‍यम से राज्‍य सरकारों के अधीन अन्‍य लोक प्राधिकरणों को आरटीआई आवेदन/प्रथम अपील नहीं की जानी चाहिए।

 

कृपया, आवेदन/अपील करते समय अनुदेशों को ध्‍यान-पूर्वक पढ़ लें।

Note : राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली की सरकार सहित राज्‍य सरकारों के अंतर्गत लोक प्राधिकारियों हेतु इस पोर्टल के माध्‍यम से आरटीआई आवेदन न करें। अगर ऐसा किया जाता है, तो आवेदन लौटा दिया जाएगा, बिना आवेदन शुल्‍क लौटाए।

आरटीआई ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करने के लिए दिशा-निर्देश

1.    इस वेब पोर्टल को भारतीय नागरिकों द्वारा ऑनलाइन आरटीआई आवेदन दर्ज करने और साथ ही आरटीआई आवेदन के ऑनलाइन भुगतान करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है । प्रथम अपील भी ऑनलाइन दर्ज की जा सकती है।

2.    एक आवेदक जो सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत कोई जानकारी प्राप्‍त करना चाहता है, इस वेब पोर्टल के माध्‍यम से भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध कर सकता है।

3.    "आवेदन करें" क्लिक करने पर, आवेदक को प्रकट होने वाले पृष्‍ठ पर अपेक्षित ब्‍यौरा भरना होगा। * चिन्हित फील्‍ड अनिवार्य हैं जबकि अन्‍य वैकल्पिक हैं।

4.    आवेदन की विषयवस्‍तु निर्धारित स्‍तम्‍भ में लिखी जाएगी।

5.    वर्तमान में, आवेदन की विषयवस्‍तु जिसे निर्धारित स्‍तम्‍भ में अपलोड किया जा सकता है, 3000 कैरेक्‍टर तक ही सीमित है।

6.    3000 कैरेक्‍टर से अधिक वाले आवेदन को "र्स्‍पोटिंग डोकूमेंट" के स्‍तम्‍भ का प्रयोग करके संलग्‍नक (अटैचमेंट) के रूप में अपलोड किया जा सकता है।

7.    प्रथम पृष्‍ठ को भरने के बाद, आवेदक को निर्धारित शुल्‍क का भुगतान करने के लिए "मेक पेमेंट" पर क्लिक करना होगा।

8.    आवेदक निर्धारित शुल्‍क का भुगतान निम्‍नलिखित माध्‍यमों से कर सकता है :-

(क)   एसबीआई के माध्‍यम से इंटरनेट बैंकिंग द्वारा।

(ख)  मास्‍टर/वीजा के क्रेडिट/डेबिट कार्ड का प्रयोग करके।

(ग)   रुपे कार्ड का प्रयोग करके।

9.    आवेदन के लिए शुल्‍क, आरटीआई नियमावली, 2012 में निर्धारित है।

10.  भुगतान करने के बाद, किसी आवेदन को सबमिट/दर्ज किया जा सकता है।

11.  आरटीआई नियमावली, 2012 के अनुसार गरीबी रेखा से नीचे आने वाले किसी भी नागरिक को कोई भी आरटीआई शुल्‍क अदा करने की आवश्‍यकता नहीं है। हालांकि आवेदक को आवेदन के साथ समुचित सरकार द्वारा इस संबंध में जारी प्रमाण पत्र की प्रति अवश्‍य ही संलग्‍न करनी होगी।

12.  आवेदन सबमिट करने के पश्‍चात्, एक यूनीक पंजीकरण संख्‍या जारी होगी, जिसका प्रयोग आवेदक द्वारा भविष्‍य में किसी भी संदर्भ के लिए उल्‍लेख किया जा सकता है।

13.  इस वेब पोर्टल द्वारा दर्ज किया गया आवेदन इलेक्‍ट्रॉनिक माध्‍यम से संबंधित नोडल अधिकारी को आगे बढ़ाया जाएगा जो आवेदन को इलेक्‍ट्रानिक माध्‍यक से संबंधित केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी तक पहुंचाएगा।

14.  यदि जानकारी प्रदान करने के लिए अतिरिक्‍त शुल्‍क आवश्‍यक हो तो, केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी इस पोर्टल के माध्‍यम से आवेदक को सूचित करेगा। इस सूचना को आवेदक द्वारा स्थिति रिपोर्ट या अपने ई-मेल अर्लट द्वारा देखा जा सकता है।

15.  प्रथम अपीलीय प्राधिकारी को अपील करने के लिए अपीलकर्ता को "प्रथम अपील करें" पर क्लिक करना होगा और प्रकट होने वाले पृष्‍ठ को भरना होगा।

16.  संदर्भ के लिए मूल आवेदन की पंजीकरण संख्‍या का प्रयोग किया जाएगा।

17.  सूचना का अधिकार अधिनियम के अनुसार, प्रथम अपील के लिए कोई भी शुल्‍क अदा नहीं करना है।

18.  आवेदक/अपीलकर्ता को एसएमएस अलर्ट प्राप्‍त करने के लिए अपना मोबाइल नंबर देना चाहिए।

19.  आवेदक/अपीलकर्ता द्वारा ऑनलाइन दर्ज आरटीआई आवेदन/प्रथम अपील की स्थिति रिपोर्ट "स्थिति देखें" पर क्लिक करके देखी जा सकती है।

20.  आरटीआई आवेदन एवं प्रथम अपील दर्ज करने के लिए सभी अपेक्षाएं और आयु सीमा, छूट इत्‍यादि से संबंधित अन्‍य प्रावधान, जैसा कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 में दिया गया है लागू रहेंगे।

 

Comments

Followers

बासी खबर की ताजगी

मंत्रिपरिषद की बैठक , दिनांक 09 जुलाई 2024

छत्तीसगढ़ प्रदेश के  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में दिनांक 09 जुलाई 2024 को मंत्रालय महानदी भवन में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई। बैठक में निम्नानुसार महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए - मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग तथा वन और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा वन अधिकार अधिनियम के तहत व्यक्तिगत्त वन अधिकार पत्रधारकों की मृत्यु होने पर वारिसानों के नाम पर काबिज वन भूमि का हस्तांतरण राजस्व या वन अभिलेखों में दर्ज करने संबंधित कार्यवाही के लिए प्रक्रिया प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इससे भविष्य में नक्शा का जिओ रिफ्रेंसिंग होने से भूखण्ड का आधार नंबर भी लिया जाएगा। इसका उपयोग नामांतरण, सीमांकन, बटवारा आदि में किया जाएगा। प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के लिए मंत्रिपरिषद की बैठक में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को छत्तीसगढ़ राज्य में पूर्ण रूप से लागू करने का निर्णय लिया गया। नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा 5वीं तक बच्चों को स्थानीय भाषा-बोली में शिक्षा दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके स...

विभागीय जाँच प्रक्रिया ०१

  विभागीय जाँच प्रक्रिया (Procedure of Department Inquiry) 1. विभागीय जाँच का प्रारम्भ- विभागीय जाँच हेतु जब कोई प्रकरण अनुशासनिक अधिकारी द्वारा तैयार किया जाता है। तब आरम्भिक स्थिति में तीन महत्वपूर्ण घटनाएँ घटित होता है. जो इस प्रकार है-  (1) आरोप पत्र तैयार किया जाना- विभागीय जाँच के प्रारंभ करने की जो प्रथम महत्वपूर्ण कार्यवाही है, वह अनुशासनिक अधिकारी द्वारा, जिस कदाचरण हेतु विभागीय जाँच का निर्णय लिया गया है. आरोप-पदों का तैयार किया जाना है। आरोप पत्र तैयार करना 'सी.जी.सी.एस.सी. सी.ए. नियम के अधीन एक आज्ञापक (Mandatory) कार्यवाही है। इस प्रकार सी.जी.सी.एस.सी.सी.ए. नियम के नियम 14 (3) में अपचारी अधिकारी को एक आरोप पत्र जारी करने का प्रावधान किया गया है, जिसमें मुख्यतया निम्न ब्यौरे होंगे-  (ⅰ) लगाए गए आरोप या आरोपों का विवरण( Discription of Charges ), (in) आरोपों पर अभिकथन ( Statement of Allegations ),  (ii) अभिलेखीय साक्ष्यों की सूची ( List of documentary evidence ),  (iv) साक्षियों की सूची ( List of witnesses )। (2) अपचारी अधिकारी को आरोप पत्र जारी किया ज...

Leading Case CG LRC

  1. Poonam Chand  (Plaintiff/ Appellant) Vs  State of M.P. (Defendant/ Responded) Sub: This case relates to Section 59 (2) of the MP Land Revenue Code, which has retrospective effect or not, has been decided herein. Facts of the case :- 1. The Plaintiff owned an agricultural land measuring 26 acre in the Khasra No. 649/3 at Tahsil Sausar in District Chhindwada of MP. 2. A house was built at this land by diverting a portion of that agricultural land into non agricultural land in the year 1928. 3. The MP Land Revenue Code came into effect from 2 Octo- ber, 1959 and this was clear that the diversion of the said land had already taken place before the MP Land Revenue Code having been operational. 4. Section 59A of the Code has a clear provision that when- ever an assessment is done under this Section, it will be done after this Code being effective. 5. The SDM, in whose jurisdiction the land was situated, had passed an order on 10-3-1964 for a rent of Rs. 63.64 instead of Rs...