अध्याय 1- संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ
इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 है ।
इसका विस्तार जम्मू-कश्मीर राज्य के सिवाय सम्पूर्ण भारत पर होगा।
यह उस तारीख को प्रवृत्त होगा, जो केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियत करे।
संविधान के अनुच्छेद 29 और अनुच्छेद 30 के उपबंधों के अधीन रहते हुए इस अधिनियम के उपबंध बालकों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार प्रदान किए जाने के संबंध में लागू होंगे।
इस अधिनियम की कोई बात मदरसों, वैदिक पाठशालाओं और मुख्यत धार्मिक शिक्षा प्रदान करने वाली शैक्षणिक संस्थाओं को लागू नहीं होगी।
परिभाषाएं
इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-
(क) ‘समुचित सरकार° से, –
i. केन्द्रीय सरकार या ऐसे संघ राज्यक्षेत्र के, जिसमें कोई विधान-मंडल नहीं है, प्रशासक द्वारा स्थापित, उसके स्वामित्वाधीन या नियंत्रणाधीन किसी विद्यालय के संबंध में, केन्द्रीय सरकार;
ii. उपखंड (i) में विनिर्दिष्ट विद्यालय से भिन्न,-
(क) किसी राज्य के राज्यक्षेत्र के भीतर स्थापित किसी विद्यालय के संबंध में, राज्य सरकार;
(ख) विधान-मंडल वाले किसी संघ राज्यक्षेत्र के भीतर स्थापित विद्यालय के संबंध में उस संघ राज्यक्षेत्र की सरकार,
अभिप्रेत है;
(ख) ‘प्रति व्यक्ति फीस से विद्यालय द्वारा अधिसूचित फीस से भिन्न किसी प्रकार का संदान या अभिदाय अथवा संदाय अभिप्रेत है;
(ग) ‘बालक' से छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु का कोई बालक या बालिका अभिप्रेत है;
(घ) अलाभित समूह का बालक (कोई निःशक्त बालक या) से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सामाजिक रूप से और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग या सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, भौगोलिक, भाषाई, लिंग या ऐसी अन्य बात के कारण, जो समुचित सरकार द्वारा, अधिसूचना द्वारा, विनिर्दिष्ट की जाए, अलाभित ऐसे अन्य समूह का कोई बालक अभिप्रेत है;
(ड) ‘दुर्बल वर्ग का बालक' से ऐसे माता-पिता या संरक्षक का बालक अभिप्रेत है, जिसकी वार्षिक आय समुचित सरकार द्वारा, अधिसूचना द्वारा, विनिर्दिष्ट न्यनूनतम सीमा से कम है;
(डड) ‘निशक्त बालक’ के अंतर्गत निम्नलिखित हैं
(अ) निःशक्त व्यक्ति (समान अवसर, अधिकार संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 (1996 का 1) की धारा 2 के खंड (झ) में यथापरिभाषित ‘निशक्त’ कोई बालक
(आ) ऐसा कोई बालक, जो राष्ट्रीय स्वपरायणता, प्रमस्तिष्क घात, मानसिक मंदता और बहु-निशक्तताग्रस्त व्यक्ति कल्याण न्यास अधिनियम, 1999 (1999 का 44) की धारा 2 के खंड (अ) में यथापरिभाषित निःशक्त कोई व्यक्ति हो ;
(इ) राष्ट्रीय स्वपरायणता, प्रमस्तिषक घात, मानसिक मंदता और बहु-निःशक्तताग्रस्त व्यक्ति कल्याण न्यास अधिनियम, 1999 (1999 का 44) की धारा 2 के खंड (ण) में यथापरिभाषित ‘गंभीर बहु-निशक्तता से ग्रस्त कोई बालक) ;
(च) ‘प्रारंभिक शिक्षा’ से पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक की शिक्षा अभिप्रेत है;
(छ) किसी बालक के संबंध में ‘संरक्षक से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है, जिसकी देखरेख और अभिरक्षा में वह बालक है और इसके अंतर्गत कोई प्राकृतिक संरक्षक या किसी न्यायालय या किसी कानून द्वारा नियुक्त या घोषित संरक्षक भी है;
(ज) ‘स्थानीय प्राधिकारी’ से कोई नगर निगम या नगर परिषद् या जिला परिषद् या नगर पंचायत या पंचायत, चाहे जिस नाम से ज्ञात हो, अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत विद्यालय पर प्रशासनिक नियंत्रण रखने वाला किसी नगर, शहर या ग्राम में किसी स्थानीय प्राधिकारी के रूप में कार्य करने के लिए तत्समय प्रवृत्त किसी विधि द्वारा या उसके अधीन सशक्त ऐसा अन्य स्थानीय प्राधिकारी या निकाय भी है;
(झ) राष्ट्रीय बालक अधिकार संरक्षण आयोग से बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 (2006 का 4) की धारा 3 के अधीन गठित राष्ट्रीय बालक अधिकार संरक्षण आयोग अभिप्रेत है;
(ज) ‘अधिसूचना’ से राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना अभिप्रेत है;
(ट) ‘माता-पिता से किसी बालक का प्राकृतिक या सौतेला या दत्तक पिता या माता अभिप्रेत है; (ठ) ‘विहित’ से, इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा विहित अभिप्रेत है;
(ड) ‘अनुसूची’ से इस अधिनियम से उपाबद्ध अनुसूची अभिप्रेत है;
(ढ़) ‘विद्यालय’ से प्रारंभिक शिक्षा देने वाला कोई मान्यताप्राप्त विद्यालय अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत निम्नलिखित भी है
(i) समुचित सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारी द्वारा स्थापित, उसके स्वामित्वाधीन या नियंत्रणाधीन कोई विद्यालय,
(ii) समुचित सरकार या स्थानीय प्राधिकारी से अपने संपूर्ण व्यय या उसके भाग की पूर्ति करने के लिए सहायता या अनुदान प्राप्त करने वाला कोई सहायताप्राप्त विद्यालय;
(iii) विनिर्दिष्ट प्रवर्ग का कोई विद्यालय; और
(iv) समुचित सरकार या स्थानीय प्राधिकारी से अपने संपूर्ण व्यय या उसके भाग की पूर्ति करने के लिए किसी प्रकार की सहायता या अनुदान प्राप्त न करने वाला कोई गैर-सहायता प्राप्त विद्यालय,
(ण) ‘अनुवीक्षण प्रक्रिया’ से किसी अनिश्चित पद्धति से भिन्न दूसरों पर अधिमानता में किसी बालक के प्रवेश के लिए चयन की पद्धति अभिप्रेत है;
(त) किसी विद्यालय के संबंध में ‘विनिर्दिष्ट प्रवर्ग’ से, केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सैनिक विद्यालय के रूप में ज्ञात कोई विद्यालय या किसी सुभिन्न लक्षण वाला ऐसा अन्य विद्यालय अभिप्रेत है जिसे समुचित सरकार द्वारा, अधिसूचना द्वारा, विनिर्दिष्ट किया जाए,
(थ) राज्य बालक अधिकार संरक्षण आयोग से बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 (2006 का 4) की धारा 3 के अधीन गठित राज्य बालक अधिकार सरंक्षण आयोग अभिप्रेत है।
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