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वर्तमान घटना

"Munni Lal Hari Sharan बनाम राज्य उत्तर प्रदेश व अन्य" (PIL No. 2933/2025)

यह जनहित याचिका (PIL) मुन्नी लाल हरि शरण द्वारा दायर की गई है, जिसमें उत्तरप्रदेश के झांसी की रकबा संख्या 243 (0.543 हे.) पर हुए अवैध कब्जे को हटाने की मांग की गई है। यह भूमि राजस्व अभिलेख में सार्वजनिक रास्ते के रूप में दर्ज है। याचिका की प्रमुख मांगें 1. अवैध अतिक्रमण हटाकर भूमि को सार्वजनिक उपयोग हेतु बहाल किया जाए।   2. संबंधित लेखपाल एवं कानूनगो पर झूठी रिपोर्ट देने हेतु विभागीय कार्यवाही की जाए।   3. जिलाधिकारी द्वारा याचिकाकर्ता के आवेदन पर कार्यवाही कराई जाए। न्यायालय की टिप्पणी न्यायालय ने कहा कि यदि ग्रामसभा की भूमि पर कब्जा होता है, तो भूमि प्रबंध समिति (भू‍मि प्रबंधक समिति - Bhumi Prabandhak Samiti) को तत्काल तहसीलदार को सूचित करना चाहिए।   संविधान और उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 के अनुसार यह समिति ग्रामसभा की संपत्ति की संरक्षक होती है। कानून का संदर्भ - धारा 67 (राजस्व संहिता, 2006): अवैध कब्जा, क्षति या दुरुपयोग की स्थिति में कार्यवाही का प्रावधान।   - नियम 66, 67 (राजस्व नियम, 2016): आर.सी. प्रपत्र 19, 20, 21 के माध्यम से कब्ज...
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2. IMPORTANT CASE LAWS : AIBE 20 DISCUSSION FORUM दंड प्रक्रिया संहिता मूल प्रविष्ठी : टीम दृष्टि ज्युडिशियरी

1.  केरल राज्य बनाम के. अजित (2021) https://www.drishtijudiciary.com/hin/landmark-judgement/code-of-criminal-procedure/the-state-of-kerala-v-k-ajith-2021 2.  विनुभाई हरिभाई मालवीय एवं अन्य बनाम गुजरात राज्य एवं अन्य (2019)

1. IMPORTANT CASE LAWS : AIBE 20 DISCUSSION FORUM मूल प्रविष्ठी : टीम दृष्टि ज्युडिशियरी

 ENVIRONMENTAL LAW  वेल्लोर सिटीज़न वेलफेयर फोरम बनाम भारत संघ (1996)  23-Dec-2024 Tags:  पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 परिचय यह एक ऐतिहासिक निर्णय है जिसमें एहतियाती सिद्धांत और प्रदूषक भुगतान सिद्धांत पर चर्चा की गई है। यह निर्णय न्यायमूर्ति कुलदीप सिंह, न्यायमूर्ति फैज़ान उद्दीन और न्यायमूर्ति के. वेंकटस्वामी की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सुनाया। तथ्य यह मामला तमिलनाडु में चमड़े के कारखानों द्वारा होने वाले प्रदूषण के विरुद्ध वेल्लोर सिटीज़न वेलफेयर फोरम द्वारा जनहित याचिका के रूप में दायर किया गया था। तमिलनाडु के पाँच ज़िलों में 900 से अधिक चमड़े के कारखाने चल रहे थे, जो जल निकायों और कृषि भूमि में अनुपचारित अपशिष्टों का निर्वहन कर रहे थे। चमड़े के कारखाने अपनी प्रक्रियाओं में लगभग 170 प्रकार के रसायनों का उपयोग करते थे, जिनमें सोडियम क्लोराइड, चूना, सल्फेट और क्रोमियम जैसे खतरनाक पदार्थ शामिल थे। सर्वेक्षणों के अनुसार, प्रदूषण के कारण लगभग 35,000 हेक्टेयर कृषि भूमि आंशिक रूप से या पूर्णतः खेती के लिये अनुपयुक्त हो गई थी। 13 गाँवों में पीने और सिंचाई के लिये उपयोग ...

AIBE 20 HELPing Hands Forum 2025

AIBE (ऑल इंडिया बार एग्जाम) की तैयारी को 30 दिनों में पूरा करने के लिए एक व्यवस्थित और समयबद्ध अध्ययन योजना आवश्यक है। AIBE 2025 परीक्षा में 19 मुख्य विधि विषयों को शामिल किया गया है, जिसमें 3 घंटे में 100 MCQs पूछे जाते हैं और कोई नेगेटिव मार्किंग नहीं होती है। इसलिए, गहन अध्ययन से अधिक समझदारी से पढ़ाई और पुनरावृत्ति पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है। पाठ्यक्रम और पैटर्न की समझ AIBE परीक्षा 19 प्रमुख भारतीय कानूनों पर व्यावहारिक कानूनी ज्ञान का आकलन करती है — संविधान, IPC, CrPC, CPC तथा नए संशोधित कानून, साक्ष्य अधिनियम, संविदा अधिनियम, फैमिली लॉ तथा प्रोफेशनल एथिक्स सबसे अधिक वज़नदार विषय हैं। इन विषयों पर अधिक ध्यान देने से अधिक अंक बटोरे जा सकते हैं। 30-दिवसीय अध्ययन योजना सबसे प्रभावी 30-दिवसीय रणनीति खास चुनिंदा विषयों पर पहले ध्यान केंद्रित करने, बार-बार पुनरावृत्ति करने और दैनिक अभ्यास परीक्षण कर फोरम में अपडेट करने पर आधारित है। दिन 1–2: भारतीय संविधान  मौलिक अधिकार, निदेशक सिद्धांत और प्रमुख न्यायिक निर्णयों पर ध्यान दें। सीधी संदर्भ के लिए बेयर एक्ट का उपयोग करें। दिन 3–4...

Major changes made in the Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 (45 of 2023) as compared to Indian Penal Code (45 of 1860)

  1. The new Act is called as "Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS), 2023" and has replaced the Indian Penal Code, 1860. 2. The Chapters and offences against women and children, murder have been given precedence. Further, the offences against women and children which were scattered throughout in the erstwhile Indian Penal Code, 1860 have been brought together. In Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 offences against women and children have been consolidated under Chapter-V. In the same manner, the offences affecting the human body are also brought up in the order and placed after the Chapter on offences against women and children. 3. BNS has been streamlined and it will now consist of only358 sections as opposed to 511 sections in IPC, 1860. 4. All three incomplete category offences Attempt, Abetment and Conspiracy are brought together under one Chapter- IV of the BNS, 2023. Earlier these offences were part of different Chapters. 5. For the first time 'Community Service' has been i...

छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक विभाग / मंत्रालय

1मुख्य सचिव कार्यालय 2 सामान्य प्रशासन विभाग 3 गृह एवं जेल विभाग 4 वित्त विभाग 5 वाणिज्य कर विभाग 6 वाणिज्य कर पंजीयन) विभाग 7 वाणिज्य कर (आबकारी) विभाग 8 धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग 9 राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग 10 परिवहन 11खेल एवं युवा कल्याण विभाग 12वन विभाग 13वाणिज्य एवं उद्योग विभाग 14 खनिज साधन विभाग 15ऊर्जा विभाग 16कृषि एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रोधोगिकी विभाग 17 सहकारिता विभाग 18श्रम विभाग 19लोक स्वास्थ्य , परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग 20 नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग 21लोक निर्माण विभाग 22 स्कूल शिक्षा विभाग 23 विधि और विधायी कार्य विभाग 24पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग 25योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभागयोजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग 26 जनसंपर्क विभाग 27आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग 28 समाज कल्याण विभाग 29 पुनर्वास विभाग 30 खाद्य , नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग 31 संस्कृति विभाग 32 जल संसाधन विभाग 33 आवास एवं पर्यावरण विभाग 34 पर्यटन विभाग 35 लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी व...

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाला

 छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाला राज्य की एक प्रमुख भर्ती अनियमितता है, जिसमें वर्ष 2019 से 2022 के बीच हुई परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के गंभीर आरोप सामने आए हैं।( स्त्रोत:  Live Hindustan ) 🧾 घोटाले का सारांश अवधि : 2019 से 2022 तक। प्रमुख आरोप : CGPSC के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव जीवन किशोर ध्रुव और अन्य अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों और प्रभावशाली नेताओं के परिजनों को अनुचित तरीके से सरकारी पदों पर नियुक्त किया। पदों की संख्या : 2020 में 175 पदों और 2021 में 171 पदों पर भर्ती हुई थी, जिनमें अनियमितताओं के आरोप हैं। मुख्य आरोप : पेपर लीक, इंटरव्यू बोर्ड में पक्षपात, और चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी।( स्त्रोत:  Live Hindustan , Dainik Bhaskar ) 🔍 CBI जांच और कार्रवाई जांच का हस्तांतरण : जनवरी 2024 में राज्य सरकार ने इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपी। छापेमारी : CBI ने रायपुर, भिलाई और अन्य स्थानों पर 18 अभ्यर्थियों के घरों में छापेमारी की, जिसमें लैपटॉप, मोबाइल, हार्...

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